बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 मनोविज्ञान बीए सेमेस्टर-1 मनोविज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 मनोविज्ञान के प्रश्नोत्तर
प्रश्न- जैविक अभिप्रेरकों के दैहिक आधार का वर्णन कीजिए।
उत्तर -
जैविक अभिप्रेरक
जैविक अभिप्रेरक उस प्रकार के अभिप्रेरकों को कहा जाता है जो व्यक्ति में जन्म से ही मौजूद होते है। इन अभिप्रेरकों के अभाव में प्राणी का जीवित रहना सम्भव नहीं है। इन अभिप्रेरकों को शारीरिक अभिप्रेरक भी कहा जाता है।
शेरीफ एवं शेरीफ ने कुछ न्यूनतम विशेषताओं को शारीरिक या जैविक अभिप्रेरक की श्रेणी में रखा जा सकता है।
(i) अभिप्रेरक प्राणी में जैविक माँग के प्रति एक प्रतिक्रिया उत्पन्न करता हो।
(ii) जैविक माँग के प्रति की गई प्रतिक्रिया से प्राणी में एक उत्तेजिक अवस्था उत्पन्न होती है।
(iii) अभिप्रेरणा की अभिव्यक्ति में एक ही प्रजाति के सभी सदस्यों में समरूपता हो। (iv) अभिप्रेरक अर्जित नहीं हो।
इन सभी जन्मजात अभिप्रेरकों की एक सामान्य विशेषता यह है कि ये सभी अभिप्रेरक शरीर के भीतर एक संतुलित शारीरिक अवस्था बनाये रखते है जिन्हें मनोवैज्ञानिकों ने समस्थिति कहा है अर्थात जब भी इस समस्थिति में क्षुब्धता या असंतुलन उत्पन्न होता है तो इसमें व्यक्ति में जैविक अभिप्रेरक की स्थिति उत्पन्न होती है।
1. भूख -अध्ययनों से स्पष्ट हुआ है कि भूख की उत्पत्ति अमाशय की मांसपेशियों में संकुचन से होती है। जब अमाशय खाली होता है, तो इसमें संकुचन तेजी से होता है जिसके कारण पेट में दर्द महसूस होता है। और इसके साथ ही भूख का भी अनुभव होती है। जिसे भूख दर्द भी कहा जाता है। क्योंकि अमाशय में संकुचन के परिणामस्वरूप भूख-दर्द होता है। इसे मनोवैज्ञानिकों ने भूख का स्थानीय सिद्धान्त कहा है। मनोवैज्ञानिकों ने भूख अभिप्रेरक के दो मुख्य शरीरिक आधार बतलाया है -
(i) जब व्यक्ति के खून में चीनी की मात्रा कम हो जाती है तो इससे व्यक्ति को भूख का अनुभव होता है।
(ii) फ्रीडस तथा स्ट्रीकर के अनुसार जब व्यक्ति लगातार कई घंटों तक भोजन नहीं करता है तो इससे ईंधन की पूर्ति स्वतः कम हो जाती है और यकृत में चयापचयी क्रियाओं में परिवर्तन होता है जिसकी सूचना मस्तिष्क के हाइपोथेलमस को होता है और इसके फलस्वरूप व्यक्ति को अनुभव होता है।
भूख का दूसरा शारीरिक आधार लेट्रल हाइपोथैलमस तथा मेन्ट्रोमिडीयल हाईपोथैलमस है। अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ कि पशुओं पर बिजली के झटके से उत्तेजित करने से भूख अधिक लगती है और वह अधिक तेजी से भोजन करना प्रारम्भ कर देता है। दूसरी तरफ VMH को उत्तेजित करने पर पशु खाना बन्द कर देते है परन्तु LH तथा VMH यदि क्षेत्र में घाव कर दिया जाता है तो ऐसी
अवस्था में दोनों के कार्य विपरीत हो।
भूख एक ऐसा अभिप्रेरक है जिसका शारीरिक आधार मस्तिष्क से सम्बन्धित तथा अन्य उद्दीपक कारक भी है।
2. प्यास - मनोवैज्ञानिकों ने अध्ययनों से यह स्पष्ट किया है कि मुँह के भीतर गीलेपन में अत्याधिक कमी यानी मुँह सूखने से हमें प्यास लगती है इसे प्यास का स्थानीय सिद्धान्त कहते है।
शरीर क्रिया मनोवैज्ञानिको के अनुसार हाईपोथेलमस तथा पीयूष ग्रन्थि से एक विशेष प्रकार का हारमोन्स निकलता है जिसे एन्टीडाइरेटिक हारमोन्स (ADH) कहा जाता है। ADH वृक्क द्वारा पानी शरीर से बाहर निकालने की प्रक्रिया पर अपना नियंत्रण रखता है। इस तरह से ADH वृक्क के कार्यवाही पर नियंत्रण रखकर शरीर में पानी के सामान्य रूप को बनाये रखता है।
इपस्टीन तथा उनके सहयोगियों (1973) ने प्यास की व्याख्या के लिए डबल-डिपलेसन सिद्धान्त की व्याख्या की। इसके अनुसार प्यास दो शारीरिक क्रियाओं का परिणाम है
1. कोशिकाओं में पानी की कमी हो जाना
2. रक्त की मात्रा में कमी हो जाना।
3. यौन या काम - यह तीसरा प्रमुख जैविक अभिप्रेरक है। हांलाकि इसे कुछ हद तक सामाजिक अभिप्रेरक भी माना गया है। क्योंकि काम अभिप्रेरक में एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति के साथ अन्त क्रिया करना होता है। तथा साथ-ही-साथ लैगिक व्यवहार बहुत हद तक सामाजिक नियमों के द्वारा भी निर्देशित होता है।
यौन या काम अभिप्रेरक एक जैविक अभिप्रेरक है फिर भी यह अभिप्रेरक अन्य जैविक अभिप्रेरकों से भिन्न है।
(i) भूख और प्यास अभिप्रेरक की संतुष्टि के बिना व्यक्ति का जीवित रहना सम्भव नहीं है परन्तु काम की संतुष्टि के बिना व्यक्ति जीवित रह सकता है।
(ii) भूख तथा प्यास में शरीर के भीतर कुछ खास तत्व की कमी पायी जाती है परन्तु यौन अभिप्रेरक में शरीर में किसी तत्व में कमी नहीं पायी जाती है।
काम अभिप्रेरक की व्याख्या विशेषज्ञों ने दो तरह के शारीरिक आधारों के रूप में किया है -
(i) हारमोनल कारक- स्त्री हारमोन्स में एस्ट्रोजेनस प्रमुख है जोकि स्त्रियों में काम की इच्छा को बनाये रखने के लिए एक प्रमुख कारक है इसी प्रकार पुरुष में टेस्टोस्ट्रोन हारमोन्स प्रमुख होता है। जोकि पुरुषों में काम की इच्छा के लिए प्रमुख होता है।
(ii) मस्तिष्क संबंधी कारक - यौन अभिप्रेरकों की कुछ लोगों ने मस्तिष्क संबंधी कारकों के रूप में भी व्याख्या की है, अध्ययनों से स्पष्ट हुआ है कि हाइपोथैलेमस में घात उत्पन्न करने से नर पशु तथा मादा पशु दोनों में ही लैंगिक व्यवहार बहुत ही कम हो जाते है। दूसरी तरफ यदि हाइपोथैलेमस को बिजली द्वारा उत्तेजित किया जाता है तो नर पशु मादा पशु दोनों ही लैंगिक व्यवहार के लिए तत्पर हो जाते है।
4. नींद- प्राणी में नींद एक महत्वपूर्ण जन्मजात अभिप्रेरक है। नींद दो प्रकार की होती है
(i) तीव्र आँख गतिक नींद, इसमें व्यक्तियो को गहरी नींद नहीं आती है और वह प्रायः भिन्न- भिन्न प्रकार के स्वप्न देखा करता है। इस अवस्था से व्यक्ति आधा सोता तथा आधा जागता है। तथा उसके नेत्र गोलक में तीव्र गति होते पाये जाते है। सामान्य नींद का 20% ऐसा ही होता है। इसे स्वप्न नींद भी कहा जाता है। इसकी दो विशेषताएँ होती है। उम्र बीतने के साथ REM नींद का प्रतिशत व्यक्ति में घटने लगता है। बच्चों में कुल नींद का समय का करीब 50% नींद REM नींद होती है, परन्तु वयस्कों में यह घटकर मात्र 20% हो जाती है।
(ii) REM नींद केवल स्तनपायी प्राणियों में होती है। दूसरी ओर अतीव आँख गतिक नींद (Non-REM sleep) में व्यक्ति गहरी नींद में सोता है। तथा व्यक्तियों में संवेदी प्रक्रियाएँ बहुत कम होती है। इस तरह के नीद में श्वसन गति धीमी हो जाती है, हृदय की गति धीमी हो जाती है, तथा रक्त चाप भी कम हो जाता है।
अतः कह सकते है कि नींद का हमारे जिन्दगी में जैविक महत्व के अलावा मनोवैज्ञानिक महत्व भी है।
5. मल-मूत्र त्याग अभिप्रेरक - मल-मूत्र त्याग अभिप्रेरक भी एक जैविक अभिप्रेरक है जिससे प्रेरित होकर व्यक्ति पेशाब या पैखाना करता है।जब व्यक्ति के बड़ी आँत में खाये हुए भोजन का सही या अवशिष्ट पदार्थ अधिक जमा हो जाते है तो उसमें पैखाना करने का अभिप्रेरक उत्पन्न होता है। ठीक उसी प्रकार जब व्यक्ति के ब्लाडर में मूत्र अत्यधिक जमा हो जाता है तो उसमें पेशाब करने का अभिप्रेरक उत्पन्न हो जाता है। मल-मूत्र त्याग अभिप्रेरक एक ऐसा अभिप्रेरक है जिसे व्यक्ति अपने अनुभवों के आधार पर कुछ समय के लिए रोक भी सकता है। फ्रायड एक ऐसे मनोवैज्ञानिक थे जिन्होने मल-मूत्र अभिप्रेरक के महत्व को व्यक्तित्व के शीलगुणों के निर्माण में काफी महत्वपूर्ण बताया। इनका कहना था कि जिन बच्चों में मल-मूत्र को रोकने की प्रवृत्ति अधिक होती है, वैसे बच्चों में वयस्क होने पर जिद्दी तथा कंजूसी का गुण अधिक पाया जाता है। तथा दूसरी तरफ जिन बच्चों में मल-मूत्र नियमित रूप से करने के लिए माता-पिता द्वारा बाध्य किया जाता है, बड़े होने पर उनमें क्रूरता तथा आक्रमणशीलता का शीलगुण तुलनात्मक रूप से अधिक विकसित होता है।
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- प्रश्न- मनोविज्ञान की परिभाषा दीजिये। इसके लक्ष्य बताइये।
- प्रश्न- मनोविज्ञान के उपागमों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यवहार के मनोगतिकी उपागम को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- व्यवहारवादी उपागम क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संज्ञानात्मक परिप्रेक्ष्य से क्या तात्पर्य है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मानवतावादी उपागम से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- मनोविज्ञान की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- भगवद्गीता में मनोविज्ञान को किस प्रकार समाहित किया है? उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- सांख्य दर्शन में मनोविज्ञान को किस प्रकार व्याख्यित किया गया है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- बौद्ध दर्शन में मनोविज्ञान किस प्रकार परिभाषित किया गया है? अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- मनोविज्ञान की प्रयोगात्मक विधि से क्या तात्पर्य है? सामाजिक परिवेश में इस विधि की क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- मनोविज्ञान की निरीक्षण विधि का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये।
- प्रश्न- मनोविज्ञान को परिभाषित करते हुए इसकी विधियों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध से आप क्या समझते हैं? सह-सम्बन्ध के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की गणना विधियों का वर्णन कीजिए। कोटि अंतर विधि का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध की दिशाएँ बताइये।
- प्रश्न- सह-सम्बन्ध गुणांक के निर्धारक बताइये तथा इसका महत्व बताइये।
- प्रश्न- जब {D2 = 36 है तथा N = 10 है तो स्पीयरमैन कोटि अंतर विधि से सह-सम्बन्ध निकालिये।
- प्रश्न- सह सम्बन्ध गुणांक का अर्थ क्या है?
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान के किन्ही दो सिद्धांतों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए
- प्रश्न- दीर्घीकृत ध्यान का स्वरूप स्पष्ट करते हुए, उसके निर्धारक की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान के स्वरूप को विस्तारपूर्वक समझाइए।
- प्रश्न- चयनात्मक अवधान तथा दीर्घीकृत अवधान की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम से आप क्या समझते हैं? इसकी विशेषताओं का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- क्लासिकी अनुबन्धन सिद्धान्त का विवेचन कीजिए तथा प्राचीन अनुबन्धन के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- क्लासिकल अनुबंधन तथा क्लासिकल अनुबंधन को प्रभावित करने वाले तत्वों की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- क्लासिकी अनुबंधन का अर्थ और उसकी आधारभूत प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अधिगम अन्तरण से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकार बताइये।
- प्रश्न- शाब्दिक सीखना से आप क्या समझते हैं? शाब्दिक सीखने के अध्ययन में उपयुक्त सामग्रियाँ बताइए।
- प्रश्न- अधिगम को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- शाब्दिक सीखना में स्तरीय विश्लेषण किस प्रकार किया जाता है?
- प्रश्न- शाब्दिक सीखना की संगठनात्मक प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सीखने की प्रक्रिया में अभिप्रेरणा का महत्त्व बताइये।
- प्रश्न- क्लासिकी अनुबंधन में संज्ञानात्मक कारकों की भूमिका बताइये।
- प्रश्न- अधिगम के नियमों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- परिवर्जन सीखना पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- सीखने को प्रभावित करने वाले कारक।
- प्रश्न- स्मृति की परिभाषा दीजिये। स्मृति में सुधार कैसे किया जाता है?
- प्रश्न- स्मृति के प्रकारों की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्मृति में संरचनात्मक एवं पुनर्सरचनात्मक प्रक्रियाओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विस्मरण के प्रमुख सिद्धान्तों का संक्षिप्त विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- प्रासंगिक तथा अर्थगत स्मृति से क्या आशय है? इनमें विभेद कीजिये।
- प्रश्न- अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन स्मृति को संक्षेप में बताते हुये दोनों में विभेद कीजिये।
- प्रश्न- 'व्यतिकरण धारण को प्रभावित करता है।' इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्मृति के स्वरूप पर प्रकाश डालिए। स्मृति को मापने की विधियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विस्मरण के निर्धारक और कारणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संकेत आधारित विस्मरण किसे कहते हैं? विस्मरण के स्वरूप की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्मरण के प्रकार बताइयें।
- प्रश्न- अल्पकालीन तथा दीर्घकालीन स्मृति में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- स्मृति सहायक प्रविधियाँ क्या हैं?
- प्रश्न- विस्मरण के स्वरूप पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- पुनः प्राप्ति संकेतों के अभाव में किस प्रकार विस्मरण होता है?
- प्रश्न- स्मृति लोप क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विस्मरण के अवशेष-प्रसक्ति समाकलन सिद्धान्त को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- ध्यान के कौन-कौन से निर्धारक होते है?
- प्रश्न- दीर्घकालीन स्मृति तथा उसके प्रकारों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- ध्यान की मुख्य विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- बुद्धि के प्रमुख सिद्धान्तों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि के संज्ञानपरक उपागम से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकारों तथा महत्व का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गिलफोर्ड के त्रिआयामी बुद्धि सिद्धान्त का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- 'बुद्धि आनुवांशिकता से प्रभावित होती है या वातावरण से। स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- बुद्धि को परिभाषित कीजिये। इसके विभिन्न प्रकारों तथा बुद्धिलब्धि के प्रत्यय का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि से आप क्या समझते हैं? बुद्धि के प्रकार बताइये।
- प्रश्न- वंशानुक्रम तथा वातावरण बुद्धि को किस प्रकार प्रभावित करता है?
- प्रश्न- संस्कृति परीक्षण को किस प्रकार प्रभावित करती है?
- प्रश्न- परीक्षण प्राप्तांकों की व्याख्या से क्या आशय है?
- प्रश्न- उदाहरण सहित बुद्धि-लब्धि के प्रत्यन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बुद्धि परीक्षणों के उपयोग बताइये।
- प्रश्न- बुद्धि लब्धि तथा विचलन बुद्धि लब्धि के अन्तर को उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- बुद्धि लब्धि व बुद्धि के निर्धारक तत्व बताइये।
- प्रश्न- गार्डनर के बहुबुद्धि सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- थर्स्टन के समूह कारक सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्पीयरमैन के द्विकारक सिद्धान्त के आधार पर बुद्धि की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- स्पीयरमैन के द्विकारक सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व से आप क्या समझते हैं? इसकी उपयुक्त परिभाषा देते हुए इसके अर्थ को स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व कितने प्रकार के होते हैं? विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने व्यक्तित्व का वर्गीकरण किस प्रकार किया है?
- प्रश्न- व्यक्तित्व के विभिन्न उपागमों या सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- व्यक्तित्व पर ऑलपोर्ट के योगदान की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कैटेल द्वारा बताए गए व्यक्तित्व के शीलगुणों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
- प्रश्न- व्यक्ति के विकास की व्याख्या फ्रायड ने किस प्रकार दी है? संक्षेप में बताइए।
- प्रश्न- फ्रायड ने व्यक्तित्व की गतिकी की व्याख्या किस आधार पर की है?
- प्रश्न- व्यक्तित्व के मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के मानवतावादी सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- कार्ल रोजर्स ने अपने सिद्धान्त में व्यक्तित्व की व्याख्या किस प्रकार की है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- व्यक्तित्व के शीलगुणों का वर्णन कीजिये।
- प्रश्न- प्रजातान्त्रिक व्यक्तित्व एवं निरंकुश व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- शीलगुण सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- शीलगुण उपागम में 'बिग फाइव' (OCEAN) संप्रत्यय की संक्षिप्त व्याख्या दीजिए।
- प्रश्न- प्रेरणा से आप क्या समझते हैं? आवश्यकता, प्रेरक एवं प्रलोभन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न शारीरिक एवं सामाजिक मनोजनित प्रेरकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- प्रेरणाओं के संघर्ष से आप क्या समझते हैं? इसके समाधान करने के तरीकों पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- आवश्यकता-अनुक्रमिकता से क्या तात्पर्य है? मैसलो के अभिप्रेरणा सिद्धान्त का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये।
- प्रश्न- उपलब्धि प्रेरक एक प्रमुख सामाजिक प्रेरक है। स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- “बाह्य अभिप्रेरण देने से आन्तरिक अभिप्रेरण में कमी आती है। इस कथन की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- जैविक अभिप्रेरकों के दैहिक आधार का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- आन्तरिक प्रेरणा क्या है और यह किस प्रकार कार्य करती है?
- प्रश्न- दाव एवं खिंचाव तंत्र अभिप्रेरित व्यवहार में किस प्रकार कार्य करता है?
- प्रश्न- जैविक और सामाजिक प्रेरक।
- प्रश्न- जैविक तथा सामाजिक अभिप्रेरकों में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- आन्तरिक एवं बाह्य अभिप्रेरण क्या है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- प्रेरणा चक्र पर टिप्पणी लिखो।
- प्रश्न- अभिप्रेरणात्मक व्यवहार के मापदण्ड बताइये।
- प्रश्न- पशु प्रणोद की माप का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संवेग से आप क्या वर्णन कीजिये। समझते हैं? इसकी विशेषतायें तथा इसके विकास की प्रक्रिया का
- प्रश्न- सांवेगिक अवस्था में क्या शारीरिक परिवर्तन होते हैं?
- प्रश्न- संवेग के जेम्स लांजे सिद्धान्त तथा कैनन बार्ड सिद्धान्त का तुलनात्मक विवरण दीजिये।
- प्रश्न- संवेग शैस्टर-सिंगर सिद्धान्त की व्याख्या कीजिये।
- प्रश्न- संवेग में सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारकों की भूमिका पर प्रकाश डालिये।
- प्रश्न- संवेगों पर किस प्रकार नियंत्रण कर सकते हैं? स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- 'पॉलीग्राफिक विधि झूठ को मापने की उत्तम विधि है। स्पष्ट कीजिये।
- प्रश्न- संवेग के
- प्रश्न- संवेग के कैननबार्ड सिद्धान्त की व्याख्या कीजिए तथा उनकी मानसिक योग्यता सामान्य छात्रों से कम होती है।
- प्रश्न- सार्वभौमिक एवं विशिष्ट संस्कृति संवेग की अभिवृत्ति के विषय में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- गैल्वेनिक त्वक् अनुक्रिया का अर्थ बताइए।
- प्रश्न- संवेग के आयामों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संवेगावस्था में होने वाले परिवर्तनों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- संवेगावस्था में होने वाले बाह्य शारीरिक परिवर्तनों का संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- झूठ संसूचना से क्या आशय है?
- प्रश्न- संवेग तथा भाव में अन्तर बताइये।
- प्रश्न- संवेग के मापन की कोई दो विधियाँ बताइये।